राज्य ब्यूरो, शिमला। Draupadi Murmu Himachal Visit: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को शिमला के कुफरी जल ग्रहण अभयारण्य सियोग का दौरा किया। इस दौरान वह अपने परिवार के अन्य आठ सदस्यों के साथ दो घंटे तक रही। उन्होंने एशिया के सबसे घने जंगलों में शामिल इस अभयारण्य की सराहना की। वह इस दौरान पैदल भी चली और वन विभाग के रेस्ट हाउस में चाय-पान के साथ विश्राम भी किया। वह 11 बजे अभ्यारण्य में पहुंची और दो घंटे वहां पर बिताए।
इस दौरान रेस्टहाउस से 1870 में ब्रिटिश शासन के दौरान बने रेजरवायर तक करीब 150 मीटर पैदल चली और वहां पर पानी की पूरी व्यवस्था और कैचमेंट एरिया के बारे जाना। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी यहां घूमे हैं।
कल्याणी हेलपैड की सैर की
जल ग्रहण अभयारण्य सियोग 11.5 किलोमीटर में फैला है और वाटर कैचमेंट सैंक्चुअरी शिमला कुफरी के उत्तरी किनारे पर स्थित है और शिमला शहर के पूर्व में लगभग 8 किमी दूर है। जंगल में तेंदुआ, हिरन, भूरा भालू, जंगली मुर्गा व तीतर आदि जानवर पाए जाते हैं।
इसमें पक्षियों की करीब 146 प्रजातियां हैं जिन्हें देखने का मौका मिलता है। इस दौरान वह कई बार पैदल भी चली। एक बजे वहां से वापिस लौटीं। राष्ट्रपति निवास में आकर दोपहर भेज किया। उन्होंने राष्ट्रपति निवास के बागीचे की भी सैर की। उनके परिवार के सदस्यों ने चायल और कल्याणी हेलपैड की सैर की और वहां पर दोपहर भेज किया।
राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को किए श्रद्धांजलि भेंट
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार सुबह 10.30 बजे राष्ट्रपति निवास में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को उनकी जयंती पर श्रद्धा सुमन भेंट किए।
कल कल्याणी हेलीपैड से होंगी गग्गल ऐयरपोर्ट रवाना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के लिए कल्याणी हेलीपैड से सुबह 10 बजे सेना के हेलीकाप्टर से जेएएफ एमआइ-17 से गग्गल एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगी। 11 बजे वहां पहुंचेंगी। 4.15 बजे गग्गल एयरपोर्ट से सेना के हेलीकाप्टर से कल्याणी हेलीपैड के लिए वापिस आएंगी।
लोगों को गाड़ियों व बसों में रहना पड़ा
राष्ट्रपति के इस दौरे के दौरान लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। ठियोग के लिए भलकू सड़क से आवाजाही का प्रावधान किया था। लेकिन संजौली और भट्टाकुफर की तरफ से गाड़ियों को बंद किया गया था। ऐसे में लोगों को लंबी कतारों में गाडियों में रहने को मजबूर होना पड़ा। जिसके कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा।
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